आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड का प्रदर्शन और फार्मा सेक्टर की अहम गतिविधियां
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निवेश जगत में हलचल के बीच, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड की योजनाओं और उससे जुड़ी कॉरपोरेट गतिविधियों पर बाजार की नजर बनी हुई है. विशेष रूप से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड ने अपने प्रदर्शन से निवेशकों का ध्यान खींचा है, जबकि दूसरी ओर फार्मास्युटिकल क्षेत्र में एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स जैसी कंपनियां सक्रिय रूप से निवेशकों के साथ जुड़ रही हैं.
फंड का मौजूदा प्रदर्शन और रिटर्न
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड (ग्रोथ प्लान) के ताजा आंकड़े इसे लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक दिलचस्प विकल्प के रूप में पेश करते हैं. 10 अक्टूबर 2025 तक, इस फंड की रेगुलर योजना के ग्रोथ विकल्प का नेट एसेट वैल्यू (NAV) 477.17 रुपये दर्ज किया गया है. यदि हम रिटर्न पर नजर डालें, तो फंड ने अपनी श्रेणी (Category) के औसत प्रदर्शन को काफी पीछे छोड़ दिया है. पिछले एक साल में जहां इस श्रेणी का औसत रिटर्न नकारात्मक (-3.27%) रहा, वहीं इस फंड ने 3.48% का सकारात्मक रिटर्न दिया है. लंबी अवधि में यह अंतर और भी स्पष्ट है; तीन साल में फंड ने 22.28% और पांच साल में 25.94% का रिटर्न दिया है, जो कि श्रेणी के औसत से बेहतर है. लॉन्च के समय से अब तक इसका कुल रिटर्न 20.04% रहा है, जो इसकी स्थिरता को दर्शाता है.
निवेश की रूपरेखा और फंड का आकार
यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जिसे अगस्त 2004 में लॉन्च किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य वैल्यू स्टॉक्स के विविध पोर्टफोलियो में निवेश करके लाभांश आय और पूंजी वृद्धि हासिल करना है. 30 सितंबर 2025 के आंकड़ों के अनुसार, फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 55,444.54 करोड़ रुपये के विशाल स्तर पर है, जो निवेशकों के भरोसे का प्रतीक है. फंड का व्यय अनुपात (Expense Ratio) 7 अक्टूबर 2025 तक 1.5% है, जो इसे लागत के लिहाज से भी प्रतिस्पर्धी बनाता है. छोटे निवेशकों के लिए यह राहत की बात है कि इसमें न्यूनतम निवेश की शुरुआत केवल 1000 रुपये से की जा सकती है, और सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए यह राशि महज 100 रुपये है.
पोर्टफोलियो आवंटन और रणनीति
फंड अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा, लगभग 92.76%, इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश करता है, जबकि 2.53% हिस्सा ऋण (Debt) और 4.71% नकद या उसके समकक्ष रखा गया है. यह ‘निफ्टी 500 वैल्यू 50 टोटल रिटर्न इंडेक्स’ को अपना बेंचमार्क मानता है. निवेश की रणनीति पर गौर करें तो यह फंड मुख्य रूप से ग्रोथ ओरिएंटेड शैली का पालन करता है. हालांकि, पोर्टफोलियो में विविधता का खास ख्याल रखा गया है, जहां शीर्ष 10 इक्विटी होल्डिंग्स कुल संपत्ति का लगभग 50.56% हिस्सा बनाती हैं. इसके अलावा, शीर्ष तीन क्षेत्रों (Sectors) में निवेश का संकेंद्रण करीब 52.99% है, जो सेक्टोरल ग्रोथ पर फंड मैनेजर के विश्वास को दर्शाता है.
टैक्स से जुड़े नियम
निवेशकों को अपनी कमाई पर लगने वाले कर (Tax) के बारे में भी स्पष्टता होनी चाहिए. यदि आप निवेश के एक वर्ष के भीतर अपनी यूनिट्स को भुनाते हैं, तो मुनाफे पर 15% की दर से शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (STCG) लगेगा. वहीं, एक साल के बाद यूनिट्स बेचने पर, एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपये तक का मुनाफा कर-मुक्त रहता है. यदि मुनाफा 1 लाख रुपये से अधिक होता है, तो उस अतिरिक्त राशि पर 10% की दर से लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लागू होगा. लाभांश (Dividend) से होने वाली आय निवेशक की कुल आय में जोड़ी जाती है और स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है. ध्यान रहे, यदि लाभांश आय 5,000 रुपये सालाना से अधिक है, तो फंड हाउस 10% टीडीएस काटेगा.
एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स और निवेशकों के साथ जुड़ाव
बाजार की अन्य खबरों में, फार्मा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड अपनी बाजार स्थिति को मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है. कंपनी ने घोषणा की है कि वह 10 दिसंबर 2025 को मुंबई में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फार्मा फंड के साथ एक ‘वन-ऑन-वन’ बैठक करेगी. इस बैठक को कंपनी द्वारा निवेशकों के साथ संबंधों को गहरा करने और अपनी विजिबिलिटी बढ़ाने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. एलेम्बिक, जो जेनेरिक और स्पेशलिटी दवाओं के विकास और विपणन में एक जाना-माना नाम है, इस तरह की बैठकों के जरिए संस्थागत निवेशकों के सामने अपनी भावी योजनाओं को स्पष्ट करने का प्रयास कर रही है, जिसका असर भविष्य में इसके मार्केट पोजिशनिंग पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है.