8 अक्टूबर 2025

पृथ्वी के करीब से गुज़रेंगे कई क्षुद्रग्रह, नासा ने जारी की जानकारी

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अंतरिक्ष में हो रही हलचल के बीच, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी दी है कि आज कई क्षुद्रग्रह (Asteroids) पृथ्वी के करीब से गुज़रने वाले हैं। इनमें से एक क्षुद्रग्रह का आकार एक हवाई जहाज़ के बराबर है और यह बहुत तेज़ गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि इनसे पृथ्वी को कोई ख़तरा नहीं है।

विमान के आकार का क्षुद्रग्रह आज पृथ्वी के पास से गुज़रेगा

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के अनुसार, 2025-TN2 नामक एक क्षुद्रग्रह, जिसका आकार लगभग 87 फीट है, आज पृथ्वी के पास से गुज़रेगा। नासा ने स्पष्ट किया है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से लगभग 13,40,000 किलोमीटर की सुरक्षित दूरी से निकल जाएगा। यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से कहीं ज़्यादा है।

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL), जो अंतरिक्ष में मौजूद पिंडों पर नज़र रखती है, ने बताया कि आज तीन और क्षुद्रग्रह भी पृथ्वी के करीब से गुज़रेंगे। इनमें से दो का आकार एक घर के बराबर है, जबकि एक अन्य का आकार भी लगभग एक विमान जितना ही है। इन सभी में 2025-TN2 सबसे बड़ा है। अन्य तीन क्षुद्रग्रहों के नाम 2025 SJ29, 2025 TF1, और 2020 QU5 हैं, और इनके आकार क्रमशः 55 फीट, 65 फीट और 81 फीट हैं।

पिछले हफ़्ते एक क्षुद्रग्रह बेहद करीब से गुज़रा था

यह घटना पिछले हफ़्ते की एक और खगोलीय घटना की याद दिलाती है, जब एक छोटा क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बेहद करीब से, यहाँ तक कि हमारे कई उपग्रहों से भी ज़्यादा नज़दीक से गुज़र गया था। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अनुसार, हैरानी की बात यह है कि खगोलविदों को इस घटना के बारे में इसके गुज़र जाने के कुछ घंटों बाद पता चला। यह क्षुद्रग्रह, जिसे अब आधिकारिक तौर पर 2025 TF नाम दिया गया है, अंटार्कटिका के ऊपर से सिर्फ़ 428 किलोमीटर की ऊँचाई से गुज़रा था। यह वही ऊँचाई है जहाँ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) परिक्रमा करता है। सौभाग्य से, इसके रास्ते में कोई उपग्रह या अंतरिक्ष यान नहीं आया।

इस क्षुद्रग्रह का आकार एक जिराफ़ जितना, यानी लगभग 3.3 से 9.8 फीट के बीच था, इसलिए इससे पृथ्वी को कोई ख़तरा नहीं था। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह वायुमंडल में प्रवेश करता भी, तो घर्षण के कारण जलकर एक चमकदार आग के गोले के रूप में समाप्त हो जाता।

आगामी खगोलीय घटना: ओरियोनिड उल्का वर्षा

क्षुद्रग्रहों की इन घटनाओं के बीच, थाईलैंड के राष्ट्रीय खगोलीय अनुसंधान संस्थान (NARIT) ने आकाश प्रेमियों के लिए एक रोमांचक ख़बर दी है। 21 अक्टूबर की रात को प्रसिद्ध हैली धूमकेतु (Halley’s Comet) से जुड़ी ओरियोनिड उल्का वर्षा (Orionid meteor shower) अपने चरम पर होगी। यह अद्भुत नज़ारा रात 10:30 बजे से शुरू होकर सुबह तक देखा जा सकेगा।

यह उल्का वर्षा हर साल 2 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच होती है, लेकिन 21 अक्टूबर की रात को यह सबसे ज़्यादा प्रभावशाली होगी। NARIT के अनुसार, इस दौरान प्रति घंटे लगभग 20 उल्काएं या “टूटते तारे” देखे जा सकेंगे। इस खगोलीय घटना का आनंद लेने के लिए किसी अंधेरी जगह पर जाना सबसे अच्छा रहेगा। यह उल्का वर्षा तब होती है जब पृथ्वी हैली धूमकेतु द्वारा छोड़े गए बर्फ़ और धूल के कणों के मलबे से होकर गुज़रती है। ये कण जब पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो जल उठते हैं, जिससे आकाश में चमकदार धारियाँ बनती हैं।

खगोलीय पिंडों की निगरानी और सुरक्षा

नासा और ईएसए जैसी एजेंसियां पृथ्वी के निकट की हज़ारों वस्तुओं (Near-Earth Objects) पर लगातार नज़र रखती हैं, ताकि किसी भी संभावित ख़तरे की पहचान की जा सके। किसी भी खगोलीय पिंड को “संभावित रूप से ख़तरनाक” तब माना जाता है जब उसका आकार कम से कम 460 फीट हो और वह पृथ्वी के 74.8 लाख किलोमीटर के दायरे में आ जाए। पिछले हफ़्ते गुज़रा क्षुद्रग्रह 2025 TF इस सीमा से बहुत छोटा था, यही कारण है कि यह बिना पता चले गुज़र गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में कोई भी ज्ञात क्षुद्रग्रह अगले 100 वर्षों तक पृथ्वी के लिए कोई गंभीर ख़तरा नहीं है।