IND vs ZIM: भारत की जिम्बाब्वे पर लगातार दूसरी जीत, सीरीज में 2-1 की बढ़त; श्रेयस अय्यर ने साझा की अपनी वापसी की प्रेरक कहानी
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IND vs ZIM: भारत की जिम्बाब्वे पर लगातार दूसरी जीत, सीरीज में 2-1 की बढ़त; श्रेयस अय्यर ने साझा की अपनी वापसी की प्रेरक कहानी
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम ने जिम्बाब्वे दौरे पर शानदार वापसी करते हुए लगातार दूसरी जीत दर्ज की है। हरारे में खेले गए पांच मैचों की टी20 सीरीज के तीसरे मुकाबले में भारत ने जिम्बाब्वे को 23 रनों से हराकर सीरीज में 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली है। एक ओर जहां युवा भारतीय टीम विदेशी धरती पर अपना दम दिखा रही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय टीम के मध्यक्रम के दिग्गज बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने अपने संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी शानदार वापसी की कहानी साझा की है, जो युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है।
गिल और गायकवाड़ की पारियों से भारत ने बनाया मजबूत स्कोर
मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने एक ठोस शुरुआत की। कप्तान शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने पहले विकेट के लिए 67 रन जोड़े। जायसवाल 27 गेंदों पर 36 रन बनाकर सिकंदर रजा का शिकार बने। इसके बाद कप्तान गिल ने पारी को संभाला और एक छोर पर टिके रहे। उन्होंने 49 गेंदों पर 7 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 66 रनों की शानदार कप्तानी पारी खेली।
दूसरे छोर पर रुतुराज गायकवाड़ ने आते ही तेज गति से रन बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने मात्र 28 गेंदों पर 49 रनों की तूफानी पारी खेलकर भारत के स्कोर को गति दी। हालांकि, वह अपने अर्धशतक से चूक गए। इन महत्वपूर्ण पारियों की बदौलत भारत ने निर्धारित 20 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 182 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया।
भारतीय गेंदबाजों का दबदबा, जिम्बाब्वे लक्ष्य से चूका
183 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम भारतीय तेज गेंदबाजों के सामने शुरू से ही दबाव में आ गई। आवेश खान ने पहले वेस्ली मधेवेरे (1) को और फिर ब्रायन बेनेट (4) को पवेलियन भेजकर जिम्बाब्वे को शुरुआती झटके दिए। इसके तुरंत बाद खलील अहमद ने भी एक विकेट चटकाया।
मध्य के ओवरों में वाशिंगटन सुंदर ने अपनी फिरकी का जादू दिखाया और एक ही ओवर में कप्तान सिकंदर रजा (15) और जॉनाथन कैंपबेल (1) को आउट कर मेजबान टीम की कमर तोड़ दी। एक समय जिम्बाब्वे ने मात्र 39 रनों पर अपने 5 विकेट खो दिए थे। हालांकि, इसके बाद डायोन मायर्स और क्लाइव मैडेंडे ने छठे विकेट के लिए 77 रनों की संघर्षपूर्ण साझेदारी कर टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ। जिम्बाब्वे की टीम 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 159 रन ही बना सकी और भारत ने यह मुकाबला 23 रनों से जीत लिया।
एक प्रेरणादायक वापसी: श्रेयस अय्यर ने साझा किया अपना सफ़र
जहां एक ओर युवा खिलाड़ी मैदान पर अपनी पहचान बना रहे हैं, वहीं भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने अपने करियर के मुश्किल दौर को याद किया। बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने के बाद अपनी वापसी की यात्रा पर बात करते हुए अय्यर ने बताया कि यह एक “उतार-चढ़ाव भरा सफ़र” था। उन्होंने कहा, “शुरुआत में चीजें बिखरी हुई और अस्त-व्यस्त लग रही थीं।”
अय्यर ने आगे बताया, “लेकिन मैंने खुद से कहा कि एक रूटीन बनाना है, खुद को अनुशासित करना है और घरेलू क्रिकेट खेलना है। मैं मुंबई के लिए खेला, रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हिस्सा लिया। इन सभी टूर्नामेंट्स में अच्छा प्रदर्शन करने से मुझे अपनी लय और आत्मविश्वास वापस पाने में बहुत मदद मिली।” इसी आत्मविश्वास के दम पर उन्होंने न केवल कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को अपनी कप्तानी में आईपीएल खिताब जिताया, बल्कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत में भी अहम भूमिका निभाई, जहां वे 243 रनों के साथ दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज रहे।
दबाव में खेलने की कला और आलोचकों को जवाब
अय्यर ने वनडे क्रिकेट के प्रति अपनी सोच के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें दबाव की परिस्थितियों में खेलना पसंद है। उन्होंने कहा, “चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान, मेरी भूमिका यह थी कि मैं शुरुआत में संभलकर खेलूं और फिर गेंदबाजों पर आक्रमण करूं। हमारा काम टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाना था, और हमारे गेंदबाजों में इतना आत्मविश्वास था कि हम किसी भी लक्ष्य का बचाव कर सकते हैं।”
पिछले दो सालों से शॉर्ट बॉल के खिलाफ अपनी कमजोरी को लेकर हो रही आलोचना पर भी अय्यर ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “लोग कहते थे कि मैं एक खास शॉट नहीं खेल सकता। जब मैंने वापसी की, तो मैं सभी को गलत साबित करना चाहता था। मैंने खुद पर काम किया, गेंदबाजों को चुनौती देने का फैसला किया। यह सिर्फ अभ्यास की बात है। आप जितना अभ्यास करते हैं, उतने ही आत्मविश्वासी होते जाते हैं।” इसका नतीजा भी देखने को मिला, जब उन्होंने जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड जैसे तेज गेंदबाजों की शॉर्ट गेंदों पर शानदार छक्के जड़े। अब श्रेयस अय्यर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज में अपना जलवा दिखाने के लिए तैयार हैं।