एटीएम का नया मतलब: बैंकिंग से लेकर हवाई यातायात तक
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एटीएम (ATM) शब्द सुनते ही हममें से अधिकांश के मन में तुरंत बैंक की वह मशीन आती है, जिससे हम नकदी निकालते हैं। लेकिन तकनीक की दुनिया तेजी से बदल रही है और अब इसी ‘एटीएम’ का एक और, बिल्कुल अलग मतलब भी उभर रहा है, खास तौर पर उड्डयन (aviation) के क्षेत्र में। यह नया एटीएम ‘एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट’ (Air Traffic Management) है, जो भविष्य के शहरी हवाई यातायात का प्रबंधन करेगा।
आसमान का नया ट्रैफिक कंट्रोलर: ‘वेक्टर’
ईव एयर मोबिलिटी (Eve Air Mobility) नामक कंपनी ने हाल ही में अपने अर्बन एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट (UAM) सॉफ्टवेयर ‘वेक्टर’ (Vector) की पहली वास्तविक दुनिया में तैनाती की घोषणा की है। यह महत्वपूर्ण कदम ब्राजील की यूएएम कंपनी रेवो (Revo) के साथ साझेदारी में 2025 साओ पाउलो ग्रां प्री (GP) के दौरान उठाया गया। रेवो, जो सीट आरक्षण के आधार पर हेलीकॉप्टर उड़ानें संचालित करती है, ने 7 से 9 नवंबर तक इंटरलागोस रेसट्रैक पर अपने हेलीकॉप्टर संचालन के प्रबंधन के लिए इस उन्नत सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया।
ईव के सीईओ, जोहान बोरडाइस के अनुसार, यह तैनाती केवल तकनीक का प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि यह उनके अर्बन एटीएम समाधान को और अधिक परिपक्व (mature) बनाने की दिशा में एक कदम था। वास्तविक दुनिया के संचालन से कंपनी को अमूल्य जानकारी मिलती है, जो दुनिया भर के ग्राहकों के लिए विश्वसनीय समाधान सुनिश्चित करने में मदद करती है।
इस सॉफ्टवेयर को भविष्य की जरूरतों, विशेष रूप से eVTOLs (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग) या ‘फ्लाइंग टैक्सियों’ को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। कंपनी की योजना 2026 तक एक ‘फ्लीट ऑपरेशंस मॉड्यूल’ लॉन्च करने की है, जो यूएएम नेटवर्क के विस्तार के साथ हेलीकॉप्टर और ईवीटीओएल ऑपरेटरों की जरूरतों को पूरा करेगा। रेवो के सीईओ, जोओ वेल्श ने भी इस बात पर जोर दिया कि कैसे साओ पाउलो जैसे बड़े खेल आयोजनों में eVTOLs एक फायदेमंद, सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प साबित होंगे।
हमारा जाना-पहचाना एटीएम और ‘ग्रीन पिन’
एक तरफ जहाँ यह नया एटीएम आसमान में यातायात को सुगम बनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ हमारा पारंपरिक बैंकिंग एटीएम भी सुरक्षा और सुविधा के मामले में लगातार विकसित हो रहा है। आजकल, जब आप कोई नया बैंक खाता खुलवाते हैं, तो ज्यादातर बैंक आपको सिर्फ डेबिट कार्ड भेजते हैं, उसका पिन नंबर नहीं। इसके पीछे एक बड़ा कारण सुरक्षा है।
पहले के समय में, जब पिन डाक या कूरियर से भेजे जाते थे, तो उनके गलत हाथों में पड़ने का खतरा बना रहता था। इसी समस्या को हल करने के लिए बैंकों ने ‘ग्रीन पिन’ (Green PIN) की सुविधा शुरू की है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें ग्राहक खुद एटीएम जाकर अपना पिन जनरेट करते हैं। इसे ‘ग्रीन पिन’ इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसमें कागज का इस्तेमाल पूरी तरह खत्म हो गया है, जो पर्यावरण के लिए भी एक अच्छी पहल है।
खुद कैसे जनरेट करें अपना बैंकिंग पिन?
आपको अपना डेबिट कार्ड पिन खुद जनरेट करने की आवश्यकता तीन मुख्य स्थितियों में पड़ सकती है: यदि आपने नया बैंक खाता खुलवाया है और कार्ड मिला है, यदि आप अपना पुराना पिन बदलना चाहते हैं, या फिर अगर आप अपना पिन नंबर भूल गए हैं।
लगभग सभी बैंकों में एटीएम से पिन जनरेट करने का तरीका कमोबेश एक जैसा ही होता है। इसके लिए आपको सबसे पहले कार्ड को एटीएम मशीन में डालना होगा। स्क्रीन पर आपको ‘पिन जेनरेशन’ (PIN Generation) या ‘पिन जनरेट करें’ जैसा विकल्प चुनना होगा। यदि यह विकल्प पहली स्क्रीन पर न दिखे, तो आप ‘मोर ऑप्शन’ (More Options) या ‘अन्य विकल्प’ में इसे ढूंढ सकते हैं।
इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद, आपसे आपका बैंक खाता नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालने के लिए कहा जा सकता है। इसे कन्फर्म करने के बाद, आपके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर तुरंत एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) आएगा। इस ओटीपी को एटीएम मशीन में दर्ज करने के बाद, मशीन आपको अपनी पसंद का चार या छह अंकों का नया पिन बनाने का विकल्प देगी। आपसे पिन दोबारा डालने के लिए कहा जाएगा। इसे कन्फर्म करते ही आपका पिन सफलतापूर्वक जनरेट या बदल जाएगा और स्क्रीन पर एक पुष्टिकरण संदेश दिखाई देगा।
दोनों ‘एटीएम’ में सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण
चाहे वह बैंकिंग पिन हो या हवाई यातायात, दोनों ही ‘एटीएम’ प्रणालियों में सुरक्षा सर्वोपरि है। जब आप अपना बैंकिंग पिन जनरेट कर रहे हों, तो यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि आपके आसपास कोई दूसरा व्यक्ति मौजूद न हो और कोई आपकी गोपनीयता भंग न कर सके। यदि आप पहली बार पिन बना रहे हैं, तो आपको उसी बैंक के एटीएम का उपयोग करना होगा जिसमें आपका खाता है। अपना पिन हमेशा थोड़ा मुश्किल चुनें, उसे याद रखें और कभी भी कहीं लिखकर न रखें। सबसे महत्वपूर्ण बात, अपने डेबिट कार्ड पर तो पिन नंबर गलती से भी न लिखें।
ठीक इसी तरह, उड्डयन के क्षेत्र में भी ‘एटीएम’ यानि एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट का मूल उद्देश्य स्वचालन (automation) और डेटा-संचालित सेवाओं के माध्यम से कम ऊंचाई वाले हवाई यातायात को सुरक्षित और कुशल बनाना है। साओ पाउलो में ‘वेक्टर’ सॉफ्टवेयर की तैनाती ने यह साबित कर दिया है कि यह जटिल और उच्च-घनत्व वाले संचालन को भी संभालने में सक्षम है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि ‘एटीएम’ तकनीक, चाहे वह जमीन पर हो या आसमान में, हमारे जीवन को सुरक्षित और सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।