16 दिसम्बर 2025

क्या OpenAI अगला नेटस्केप साबित होगा? एआई की दुनिया में वर्चस्व की जंग और एनवीडिया का नया दांव

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में पिछले तीन सालों से एकछत्र राज करने वाली कंपनी OpenAI को लेकर अब निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के सुर बदलने लगे हैं। फिल्म ‘द बिग शॉर्ट’ से मशहूर हुए दिग्गज निवेशक माइकल बरी ने हाल ही में OpenAI की तुलना 90 के दशक की मशहूर कंपनी नेटस्केप से की है। नेटस्केप ने एक समय वेब ब्राउज़र बाजार पर राज किया था, लेकिन बाद में माइक्रोसॉफ्ट के इंटरनेट एक्सप्लोरर के सामने उसे घुटने टेकने पड़े थे। बरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में आशंका जताई कि OpenAI भी उसी रास्ते पर है, जो नकदी के संकट से जूझ रही है और जिसका भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है।

बाजार में कड़ी होती प्रतिस्पर्धा और OpenAI की चुनौतियां

नवंबर 2022 में चैटजीपीटी (ChatGPT) की लॉन्चिंग के साथ OpenAI ने जो बढ़त बनाई थी, एआई आलोचक गैरी मार्कस के अनुसार, अब वह कमजोर पड़ने लगी है। मार्कस का कहना है कि यह स्टार्टअप हर महीने अरबों डॉलर खर्च कर रहा है, जिसे लंबे समय तक जारी रखना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, इन आशंकाओं के बीच विरोधाभास यह है कि चैटजीपीटी के पास अभी भी 80 करोड़ से अधिक साप्ताहिक सक्रिय उपयोगकर्ता (पेड और अनपेड) हैं, जो किसी भी उपभोक्ता उत्पाद के लिए एक रिकॉर्ड है। लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल यूजर बेस के दम पर कंपनी अपनी बादशाहत कायम रख पाएगी, जब प्रतिद्वंद्वी तेजी से उसके करीब पहुंच रहे हैं।

एनवीडिया का विस्तार: चिप निर्माण से ओपन मॉडल्स की ओर

जहां एक ओर OpenAI अपने अस्तित्व और प्रभुत्व को लेकर सवालों के घेरे में है, वहीं दूसरी ओर एआई हार्डवेयर की दुनिया के बेताज बादशाह एनवीडिया (NVIDIA) ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने हाल ही में अपने ओपन एआई मॉडल्स की नई सीरीज, ‘नेमोट्रॉन 3’ (Nemotron 3) लॉन्च की है। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक एनवीडिया की पहचान केवल एआई कंपनियों को चिप सप्लाई करने तक सीमित थी, लेकिन अब वह खुद सॉफ्टवेयर और मॉडल के मैदान में उतर चुकी है। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब Google, OpenAI और Anthropic जैसी कंपनियां अपने खुद के एडवांस चिप्स विकसित कर रही हैं।

नेमोट्रॉन 3 और चीनी मॉडल्स को टक्कर देने की रणनीति

एआई इकोसिस्टम में ओपन मॉडल्स का महत्व लगातार बढ़ रहा है, जिनका उपयोग शोधकर्ता और स्टार्टअप्स अपने प्रयोगों के लिए करते हैं। अभी तक OpenAI और Google अपने छोटे ओपन मॉडल्स को चीनी कंपनियों की तरह बार-बार अपडेट नहीं करते थे, जिससे ‘हगिंग फेस’ जैसे प्लेटफॉर्म्स पर चीनी मॉडल्स ज्यादा लोकप्रिय हो रहे थे। एनवीडिया ने इस खाली जगह को भरने के लिए नेमोट्रॉन 3 को तीन आकारों में पेश किया है: नैनो (30 बिलियन पैरामीटर), सुपर (100 बिलियन पैरामीटर) और अल्ट्रा (500 बिलियन पैरामीटर)। कंपनी के दावे के अनुसार, ये मॉडल्स अपने वर्ग में बेहतरीन हैं और इन्हें डाउनलोड करके किसी भी हार्डवेयर पर चलाया और संशोधित किया जा सकता है।

पारदर्शिता और ‘ओपन इनोवेशन’ पर जोर

एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने इस लॉन्च को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि “ओपन इनोवेशन ही एआई की प्रगति की नींव है।” अपनी अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के विपरीत, एनवीडिया ने अधिक पारदर्शी दृष्टिकोण अपनाया है। कंपनी ने न केवल मॉडल जारी किए हैं, बल्कि उन्हें ट्रेन करने में इस्तेमाल किए गए डेटा को भी सार्वजनिक किया है। इससे इंजीनियरों के लिए मॉडल्स को अपनी जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज करना आसान हो जाएगा। एनवीडिया की वीपी कारी एन ब्रिस्की ने भी इस बात पर जोर दिया कि डेवलपर्स को विशिष्ट कार्यों के लिए मॉडल्स को ढालने की जरूरत होती है, और नया आर्किटेक्चर इसमें उनकी मदद करेगा।

बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण

एआई सॉफ्टवेयर में अपनी पकड़ और मजबूत करने के उद्देश्य से एनवीडिया ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए ‘SchedMD’ का अधिग्रहण किया है। SchedMD लोकप्रिय ओपन-सोर्स वर्कलोड मैनेजमेंट सिस्टम ‘स्लर्म’ (Slurm) का प्रमुख डेवलपर है। स्लर्म का उपयोग 2002 से हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग और एआई कार्यों के लिए किया जा रहा है। एनवीडिया ने स्पष्ट किया है कि वह इस प्रोग्राम को ओपन-सोर्स और वेंडर-न्यूट्रल ही रखेगी, लेकिन इसमें निवेश बढ़ाकर इसे आधुनिक एआई जरूरतों के लिए और तेज करेगी।

यह अधिग्रहण और नए मॉडल्स की लॉन्चिंग एनवीडिया की उस दूरगामी सोच का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी मानती है कि फिजिकल एआई (रोबोटिक्स और सेल्फ-ड्राइविंग) ही भविष्य है। कंपनी ने हाल ही में स्वायत्त ड्राइविंग के लिए ‘अल्पामायो-R1’ (Alpamayo-R1) मॉडल भी पेश किया है, जो यह दर्शाता है कि एनवीडिया अब सिर्फ एआई का ‘इंजन’ (चिप) नहीं, बल्कि पूरा ‘मस्तिष्क’ (सॉफ्टवेयर और मॉडल) बनने की दिशा में अग्रसर है।